भ्रष्टाचार मामलों में येदियुरप्पा से हो सकेगी पूछताछ
बेंगलुरू/नई दिल्ली । भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अवैध खनन पर राज्य के लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है तो कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई पर लगी रोक हटा ली और पुलिस को उनसे तथा उनके रिश्तेदारों से पूछताछ की अनुमति दे दी है।
कांग्रेस ने इसे लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए येदियुरप्पा के तत्काल इस्तीफे की मांग की है तो भाजपा ने भी कांग्रेस पर पलटवार करते हुए शुंगलू समिति और लोकायुक्त की अनुशंसाओं पर दिल्ली में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा मंत्री राजकुमार चौहान के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब मांगा है।
इससे पहले कर्नाटक में अवैध खनन पर राज्य के लोकायुक्त और सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हेगड़े की रिपोर्ट बुधवार रात लीक हो गई, जिस पर गुरुवार सुबह उन्होंने माफी मांगी। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने माना कि रिपोर्ट को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, उनमें से ज्यादातर सही हैं। वह शुक्रवार को रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
रिपोर्ट में येदियुरप्पा को जिम्मेदार बताते हुए कहा गया है कि उन्होंने अवैध खनन रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जबकि लोकायुक्त ने दिसम्बर 2008 में ही उन्हें इस सम्बंध में एक रिपोर्ट सौंप दी थी।
उधर, कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के. एन. केशवनारायण ने येदियुरप्पा, उनके दो बेटों, दामाद और अन्य के खिलाफ पांच मामलों में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर अपने ही द्वारा लगाई गई रोक हटा ली। साथ ही अदालत ने भ्रष्टाचार और अवैध भूमि समझौतों के मामले में पुलिस को येदियुरप्पा तथा उनके रिश्तेदारों से पूछताछ की अनुमति भी दे दी।
न्यायमूर्ति केशवनारायण ने इस साल मार्च में येदियुरप्पा के दामाद आर. सोहन कुमार की याचिका पर उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई थी।
राज्यपाल हंसराज भारद्वाज से मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की अनुमति मिलने के बाद बेंगलुरू के दो वकीलों सिराजिन भाषा और के. एन. बलराज ने इस साल जनवरी में येदियुरप्पा और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ पांच शिकायतें दर्ज कराई थीं।
इस बीच, पूरे मामले को लेकर कर्नाटक की भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने तत्काल येदियुरप्पा के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी. परमेश्वर व राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों में कहा कि येदियुरप्पा को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितता की जांच करने वाली शुंगलू समिति की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और राज्य के मंत्री राजकुमार चौहान के खिलाफ लोकायुक्त की अनुशंसाओं पर की गई कार्रवाई के बारे में सवाल किया।
हेगड़े की रिपोर्ट में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व जनता दल (सेक्युलर) नेता एच. डी. कुमारास्वामी, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद व खनन व्यवसायी अनिल लाड और कर्नाटक के मंत्रियों जी. जनार्दन रेड्डी व करुणाकर रेड्डी का भी नाम लिया गया है।
कांग्रेस ने इसे लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए येदियुरप्पा के तत्काल इस्तीफे की मांग की है तो भाजपा ने भी कांग्रेस पर पलटवार करते हुए शुंगलू समिति और लोकायुक्त की अनुशंसाओं पर दिल्ली में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा मंत्री राजकुमार चौहान के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब मांगा है।
इससे पहले कर्नाटक में अवैध खनन पर राज्य के लोकायुक्त और सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हेगड़े की रिपोर्ट बुधवार रात लीक हो गई, जिस पर गुरुवार सुबह उन्होंने माफी मांगी। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने माना कि रिपोर्ट को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, उनमें से ज्यादातर सही हैं। वह शुक्रवार को रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
रिपोर्ट में येदियुरप्पा को जिम्मेदार बताते हुए कहा गया है कि उन्होंने अवैध खनन रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जबकि लोकायुक्त ने दिसम्बर 2008 में ही उन्हें इस सम्बंध में एक रिपोर्ट सौंप दी थी।
उधर, कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के. एन. केशवनारायण ने येदियुरप्पा, उनके दो बेटों, दामाद और अन्य के खिलाफ पांच मामलों में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर अपने ही द्वारा लगाई गई रोक हटा ली। साथ ही अदालत ने भ्रष्टाचार और अवैध भूमि समझौतों के मामले में पुलिस को येदियुरप्पा तथा उनके रिश्तेदारों से पूछताछ की अनुमति भी दे दी।
न्यायमूर्ति केशवनारायण ने इस साल मार्च में येदियुरप्पा के दामाद आर. सोहन कुमार की याचिका पर उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई थी।
राज्यपाल हंसराज भारद्वाज से मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की अनुमति मिलने के बाद बेंगलुरू के दो वकीलों सिराजिन भाषा और के. एन. बलराज ने इस साल जनवरी में येदियुरप्पा और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ पांच शिकायतें दर्ज कराई थीं।
इस बीच, पूरे मामले को लेकर कर्नाटक की भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने तत्काल येदियुरप्पा के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी. परमेश्वर व राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों में कहा कि येदियुरप्पा को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितता की जांच करने वाली शुंगलू समिति की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और राज्य के मंत्री राजकुमार चौहान के खिलाफ लोकायुक्त की अनुशंसाओं पर की गई कार्रवाई के बारे में सवाल किया।
हेगड़े की रिपोर्ट में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व जनता दल (सेक्युलर) नेता एच. डी. कुमारास्वामी, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद व खनन व्यवसायी अनिल लाड और कर्नाटक के मंत्रियों जी. जनार्दन रेड्डी व करुणाकर रेड्डी का भी नाम लिया गया है।
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