रविवार, 15 जनवरी 2012

1971 युद्ध : पाक ने पहले ही जता दी थी मंशा

भारत से 1971 में युद्ध करने की मंशा पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री याह्या खान ने दस दिन पहले ही एक अमेरिकी पत्रकार को जता दी थी। तब याह्या शराब के नशे में थे और उन्होंने कहा था कि हो सकता है कि वह दस दिन बाद मोर्चे पर होंगे। याह्या द्वारा कराया गया यह आभास 3 दिसंबर, 1971 को युद्ध के रूप में सामने आया। विदेश मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज के मुताबिक याह्या खान ने न्यूयॉर्कर मैगजीन के संवाददाता बॉब शैपली को बताया था कि 10 दिनों के भीतर पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध करेगा। विदेश मंत्रालय की फाइलों में कहा गया कि इसके अगले दिन, भारत में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत केनेथ बर्नाड कीटिंग नई दिल्ली में विदेश सचिव टीएन कौल से मिले और स्थिति पर चर्चा की। कीटिंग ने कौल को बताया कि शैपली और खान एक पार्टी से लौट रहे थे। राष्ट्रपति नशे में थे। जब बॉब शैपली ने उनसे पूछा कि उनसे दोबारा मुलाकात कब होगी? कीटिंग के मुताबिक, राष्ट्रपति याह्या खान ने कहा कि वह उससे मिलकर खुश होंगे। इसके जवाब में संवाददाता ने कहा कि वह उन्हें 10 दिनों के भीतर फोन करेगा। राष्ट्रपति ने इसके उत्तर में कहा कि उस समय तक हो सकता है कि वह मोर्चे पर हों इसलिए मुलाकात जल्द ही करना बेहतर होगा। याह्या खान के वे शब्द, जो शायद अनजाने में कहे गए थे, उस वक्त सच साबित हो गए जब पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 में भारत के पश्चिमोत्तर के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला शुरू कर दिया। इसके तुरंत बाद तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हवाई हमलों को देश पर छेड़ा गया युद्ध करार दिया। उसी दिन आधी रात को भारत ने पूर्वी पाकिस्तान और अब के बांग्लादेश पर सैन्य, हवाई और नौसैनिक हमला कर दिया।

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