शनिवार, 17 मार्च 2012

देश की असल तस्वीर

  • करीब 36 फीसदी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे
  • 20 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की रोजाना एक डालर (तकरीबन 50 रुपये) से कम आय
  • आधी ग्रामीण आबादी के पास बिजली नहीं
  • 85 फीसदी ग्रामीण आबादी लकड़ी से खाना पकाने को मजबूर
  • 20 फीसदी शहरी भी लकड़ी से खाना पकाने को मजबूर
  • शहरों में भी दो तिहाई के पास ही एलपीजी गैस कनेक्शन
  • 11 लाख परिवार के पास रोशनी का कोई इंतजाम नहीं
  • 43 फीसदी ग्रामीण आबादी किरासिन पर रोशनी के लिए निर्भर
  • 20 फीसदी परिवार आधा किलोमीटर दूर से पैदल पानी लाने को मजबूर
  • 43 फीसदी आबादी के पास ही टेप (नल)
  • 34 फीसदी लोगों के पास ही हैंडपंप (चापाकल)
  • 71 फीसदी शहरी टेप वाटर पर निर्भर
  • 44 फीसदी ग्रामीण के पास ही हैंडपंप
  • 20 फीसदी आबादी के पास पेयजल का सुरक्षित स्रोत नहीं
  • आधी से भी ज्यादा आबादी खुले में शौच करने को मजबूर
  • 59 फीसदी लोगों के पास रहने लायक घर नहीं
  • 9 से ज्यादा सदस्य वाले करीब 8 करोड़ लोग एक कमरा में रहने को मजबूर
  • 6 से 8 सदस्य वाले करीब 26 करोड़ लोग एक घर में रहने को मजबूर
  • 20 करोड़ लोगों के पास फोन, रेडियो, टीवी, दुपहिया और कंप्यूटर नहीं
  • 36 फीसदी लोगों के पास फोन नहीं
  • 52.8 फीसदी लोगों के पास टीवी नहीं
  • 79 फीसदी लोगों के पास दुपहिया नहीं
  • 90.6 फीसदी लोगों के पास कंप्यूटर नहीं
  • केवल एक तिहाई ग्रामीण परिवारों के पास ही टीवी 
  • पांच करोड़ से ज्यादा बच्चों को स्कूल नसीब नहीं
  • आधी आबादी के पास स्वास्थ्य सुविधा नहीं
  • 80 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास सामाजिक सुरक्षा नहींस्रोत : रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया, जनगणना 2011

लेबल: , , , ,

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]

<< मुख्यपृष्ठ