...तो भारत पर हमला करने वाला था अमेरिका
नई दिल्ली, एजेंसी
1971 में भारत-पाकिस्तान युद्घ के दौरान अमेरिका की भारत पर हमले की योजना थी। भारत और पाक जंग के गोपनीय दस्तावेजों से अमेरिका के इस प्लान का पता चला है। इंदिरा गांधी का बांग्लादेश के प्रति नरम रवैया था। इसी से नाराज अमेरिका ने भारत को सबक सिखाने की ठान ली थी। इसीलिए यूएस ने प्रतिबंधित होने के बावजूद गुपचुप तरीके से पाकिस्तान को सहायता तक उपलब्ध करवाई। दस्तावेजों के अनुसार इंदिरा गांधी का बांग्लादेश के प्रति नरम रवैया था। इसी नरम रवैये से नाराज तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन प्रशासन ने नौसेना का सातवां बेड़ा समुद्र के रास्ते भारत भेज दिया था।
उस समय अमेरिका ने कहा था कि उसने अपने नागरिकों को भारत से लाने के लिए बंगाल की खाड़ी में सेना भेजी थी। लेकिन ताजा दस्तावेजों ने पता चला है कि अमेरिका ने अपनी सेना को भारत पर हमले के लिए भेजी थी। यह भी पता चला है कि अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस इंटरप्राइज ने भारतीय ठिकानों पर हमले के आदेश भी दिए थे। दस्तावेजों में बताया गया है कि भारत और पाकिस्तान पर प्रतिबंध के बावजूद निक्सन प्रशासन पाकिस्तान को गुपचुप तरीके से लगातार हथियार मुहैया करवा रहा था। जबकि अमेरिका पर पाक और भारत को किसी भी तरह की सहायता देना प्रतिबंधित था। भारतीय विदेश मंत्रालय के 6 पेज के इस नोट में युद्ध के दौरान अमेरिका की पाकिस्तान परस्त चाल के लिए निक्सन को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना गया है। अमेरिका ने पाक सेना को भारतीय सेना के आगे सरेंडर करने के लिए अंतिम समय तक रोके रखा। 14 दिसंबर 1971 को पाक सेना के कमांडर जनरल ए एके नियाजी ने ढाका में अमेरिका काउंसल जनरल को समर्पण करने की इच्छा जता दी थी। यह मैसेज वाशिंगटन तक पहुंच गया। लेकिन 19 घंटे बाद भारत को यह सूचना दी गई। नोट के मुताबिक भारतीय कूटनीतिज्ञों को आशंका है यह देरी इसलिए हुई क्योंकि इस दौरान अमेरिका भारत पर हमले की योजना पर विचार कर रहा था।
1971 में भारत-पाकिस्तान युद्घ के दौरान अमेरिका की भारत पर हमले की योजना थी। भारत और पाक जंग के गोपनीय दस्तावेजों से अमेरिका के इस प्लान का पता चला है। इंदिरा गांधी का बांग्लादेश के प्रति नरम रवैया था। इसी से नाराज अमेरिका ने भारत को सबक सिखाने की ठान ली थी। इसीलिए यूएस ने प्रतिबंधित होने के बावजूद गुपचुप तरीके से पाकिस्तान को सहायता तक उपलब्ध करवाई। दस्तावेजों के अनुसार इंदिरा गांधी का बांग्लादेश के प्रति नरम रवैया था। इसी नरम रवैये से नाराज तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन प्रशासन ने नौसेना का सातवां बेड़ा समुद्र के रास्ते भारत भेज दिया था।
उस समय अमेरिका ने कहा था कि उसने अपने नागरिकों को भारत से लाने के लिए बंगाल की खाड़ी में सेना भेजी थी। लेकिन ताजा दस्तावेजों ने पता चला है कि अमेरिका ने अपनी सेना को भारत पर हमले के लिए भेजी थी। यह भी पता चला है कि अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस इंटरप्राइज ने भारतीय ठिकानों पर हमले के आदेश भी दिए थे। दस्तावेजों में बताया गया है कि भारत और पाकिस्तान पर प्रतिबंध के बावजूद निक्सन प्रशासन पाकिस्तान को गुपचुप तरीके से लगातार हथियार मुहैया करवा रहा था। जबकि अमेरिका पर पाक और भारत को किसी भी तरह की सहायता देना प्रतिबंधित था। भारतीय विदेश मंत्रालय के 6 पेज के इस नोट में युद्ध के दौरान अमेरिका की पाकिस्तान परस्त चाल के लिए निक्सन को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना गया है। अमेरिका ने पाक सेना को भारतीय सेना के आगे सरेंडर करने के लिए अंतिम समय तक रोके रखा। 14 दिसंबर 1971 को पाक सेना के कमांडर जनरल ए एके नियाजी ने ढाका में अमेरिका काउंसल जनरल को समर्पण करने की इच्छा जता दी थी। यह मैसेज वाशिंगटन तक पहुंच गया। लेकिन 19 घंटे बाद भारत को यह सूचना दी गई। नोट के मुताबिक भारतीय कूटनीतिज्ञों को आशंका है यह देरी इसलिए हुई क्योंकि इस दौरान अमेरिका भारत पर हमले की योजना पर विचार कर रहा था।