देश की असल तस्वीर
- करीब 36 फीसदी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे
- 20 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की रोजाना एक डालर (तकरीबन 50 रुपये) से कम आय
- आधी ग्रामीण आबादी के पास बिजली नहीं
- 85 फीसदी ग्रामीण आबादी लकड़ी से खाना पकाने को मजबूर
- 20 फीसदी शहरी भी लकड़ी से खाना पकाने को मजबूर
- शहरों में भी दो तिहाई के पास ही एलपीजी गैस कनेक्शन
- 11 लाख परिवार के पास रोशनी का कोई इंतजाम नहीं
- 43 फीसदी ग्रामीण आबादी किरासिन पर रोशनी के लिए निर्भर
- 20 फीसदी परिवार आधा किलोमीटर दूर से पैदल पानी लाने को मजबूर
- 43 फीसदी आबादी के पास ही टेप (नल)
- 34 फीसदी लोगों के पास ही हैंडपंप (चापाकल)
- 71 फीसदी शहरी टेप वाटर पर निर्भर
- 44 फीसदी ग्रामीण के पास ही हैंडपंप
- 20 फीसदी आबादी के पास पेयजल का सुरक्षित स्रोत नहीं
- आधी से भी ज्यादा आबादी खुले में शौच करने को मजबूर
- 59 फीसदी लोगों के पास रहने लायक घर नहीं
- 9 से ज्यादा सदस्य वाले करीब 8 करोड़ लोग एक कमरा में रहने को मजबूर
- 6 से 8 सदस्य वाले करीब 26 करोड़ लोग एक घर में रहने को मजबूर
- 20 करोड़ लोगों के पास फोन, रेडियो, टीवी, दुपहिया और कंप्यूटर नहीं
- 36 फीसदी लोगों के पास फोन नहीं
- 52.8 फीसदी लोगों के पास टीवी नहीं
- 79 फीसदी लोगों के पास दुपहिया नहीं
- 90.6 फीसदी लोगों के पास कंप्यूटर नहीं
- केवल एक तिहाई ग्रामीण परिवारों के पास ही टीवी
- पांच करोड़ से ज्यादा बच्चों को स्कूल नसीब नहीं
- आधी आबादी के पास स्वास्थ्य सुविधा नहीं
- 80 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास सामाजिक सुरक्षा नहींस्रोत : रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया, जनगणना 2011
लेबल: युद्ध naisansad sudheer paaak sudheer kumar, indian railway रेल बजट 2012-13, naisansad, sarkar, sudheer pal